और तुम मेरी चाहत मेरी गुरूर रहोगे….
बस तुम ही वो शक्श मेरे हुजुर रहोगे….
हमारा कल जो भी पर तुम हमेशा मेरी आखां के नूर रहोगे…
तो क्या जो मैं तुम्हे देख ना पाउंगा और तुम भी मुझसे दूर रहोगे….
हालात के आगे कुछ मैं बेबश रहूंगा कुछ तुम महबूर रहोगे….
भले खुदा के आगे मैं बेगुनाहं और तुम बेकसूर रहोगे….
पर तुम्हारी महोब्बत मेरी दौलत और तुम मेरे कोहिनूर रहोगे….
पर मेरी हर इबादत में तुम मेरी सबसे अहेम ख्चाहिश जरूर रहोगे...
